December 8, 2024

भूस्खलन होने व मलवा आने से तुंगनाथ घाटी में तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों की आवाजाही में आयी भारी गिरावट

1 min read

लक्ष्मण सिंह नेगी 

ऊखीमठ। कुण्ड – चोपता – गोपेश्वर नेशनल हाईवे पर ताला व पापड़ी तोक में विगत एक माह से भूस्खलन होने तथा मलवा आने से तुंगनाथ घाटी में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में भारी गिरावट आने से तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन, पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है। तथा सितम्बर माह के दूसरे सप्ताह में तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों से गुलजार रहने वाले तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ाव वीरान हैं।

तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने से मन्दिर समिति को तुंगनाथ धाम से प्राप्त होनी वाली धनराशि में भी भारी नुकसान आई है तथा तुंगनाथ घाटी में होम स्टे योजना पर भी खासा असर मिला है। भले ही आने वाले दिनों में तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की संख्या में इजाफा होने के आसार तो बन रहे हैं विगत 31 जुलाई से लेकर वर्तमान समय तक तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित रहने से स्थानीय व्यापारियों को भविष्य की चिन्ता सताने लगी है। बता दे कि 31 जुलाई को केदारनाथ यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर दैवीय आपदा आने के कारण तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में भारी गिरावट आने लगी थी था केदारनाथ घाटी के साथ तुंगनाथ घाटी का जन जीवन भी ठहर गया था।

विगत माह तुंगनाथ घाटी के ताला व पापड़ी तोक में भारी भूस्खलन होने से तुंगनाथ घाटी में कई दिनों तक वाहनों की आवाजाही बन्द रहने से तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है। भले ही नेशनल हाईवे द्वारा ताला व पापड़ी तोक में हर समय यातायात बहाल करने के प्रयास तो किये जा रहे थे मगर मौसम के बार – बार करवट लेने तथा भूस्खलन निरन्तर जारी रहने तथा वाहनों की आवाजाही बार – बार बाधित होने से तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है। तुंगनाथ घाटी के व्यापारी प्रदीप बजवाल ने बताया कि इन दिनों तुंगनाथ घाटी पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों व सैलानियों की आवाजाही में हल्की वृद्धि तो हुई है मगर 31 जुलाई के बाद तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने से स्थानीय व्यापारियों के सन्मुख रोजी रोटी का संकट बना हुआ है। मस्तूरा के व्यापारी नन्दन सिंह रावत ने बताया कि ताला व पापड़ी तोक का हिस्सा भूस्खलन के कारण नासूर बनता जा रहा है तथा दोनों स्थानों पर बरसात के समय भूस्खलन होने से तुंगनाथ घाटी का तीर्थाटन पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हुआ है। व्यापारी दिनेश बजवाल, प्रतिपाल बजवाल ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में जो रौनक विगत वर्षों तक रहती थी वो रौनक इस बार देखने को नहीं मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.