देहरादून: मौत का अड्डा बन रहे नशामुक्ति केंद्र, मर्डर से लेकर रेप; शिकंजा कब?
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नशामुक्ति केंद्र मौत का ठिकाना बनते जा रहे हैं। हाल के वर्षों में ऐसे केंद्रों में लोगों की मौत के कई मामले सामने आए हैं। 20 मार्च को नयागांव स्थित नशामुक्ति केंद्र में सहारनपुर निवासी मुआद अली (32) की मौत हुई थी। इस मामले में संचालकों पर केस दर्ज है। 24 दिसंबर 2021 को लाइफ केयर फाउंडेशन नशामुक्ति केंद्र में भी युवक की मौत में संचालकों पर केस हुआ।
नवंबर 2022 को मांडूवाला के कर्मा वेलफेयर सोसायटी के केंद्र में युवक फांसी पर लटका मिला था। अगस्त 2022 में रायपुर तपस्थली केंद्र में मारपीट का केस कराया गया। अगस्त 2021 में क्लेमनटाउन के प्रकृति विहार स्थित वॉक एंड विन सोवर लिविंग होम से चार युवतियां भाग गई थीं। एक युवती मिली तो दुष्कर्म का खुलासा हुआ था। नेहरू कॉलोनी क्षेत्र के दो केंद्रों में भी दो की मौत हो चुकी है।
देहरादून में नशाखोरी बढ़ रही है और इसकी दलदल में युवा लगातार फंस रहे हैं। इस कारण परिजन मजबूरी में इनको नशामुक्ति केंद्रों में भर्ती करवाते हैं। यही कारण है कि इससे नशा मुक्ति केंद्रों का धंधा चमकने लगा है। खुद नशा मुक्ति केंद्रों में भर्ती रह चुके कुछ लोग भी ऐसे केंद्रों को चला रहे हैं। इस मामले में नशा मुक्ति केंद्र संचालन के कुछ आरोपी पूर्व में नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती रह चुके बताए जा रहे हैं। इंजेक्शन, चरस-स्मैक के नशे युवा पीढ़ी पर भारी पड़ रहे हैं।