सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार से पूछे हैरान करने वाले ये 6 सवाल
1 min readन्यूज़पोस्ट24×7.कॉम डैस्क।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के वीडियो को भयावह करार दिया और अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी। कोर्ट ने कहा कि हम नहीं चाहते कि राज्य पुलिस मामले की जांच करे क्योंकि उन्होंने महिलाओं को दंगाई भीड़ को सौंप दिया था। हम स्थिति की निगरानी के लिए SIT या पूर्व जजों की कमेटी बना सकते हैं। हालांकि यह मंगलवार को होने वाली दलीलों पर निर्भर करेगा। मंगलवार यानी आज फिर सुनवाई होगी। कोर्ट ने केंद्र से पूछा, जब दो महिलाओं के साथ घटना 4 मई को हुई, तो FIR 18 मई को क्यों दर्ज हुई? 14 दिन क्यों लगे? सरकार बताए कि अभी तक जो 6000 केस दर्ज हुए हैं, उनमें कितने ऐसे हैं जो महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े हैं। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता का बयान है कि उसे पुलिस ने भीड़ के हवाले कर दिया था। यहां सुनियोजित तरीके से हिंसा की गई है। मणिपुर मामले में मोदी सरकार को ये 6 सवाल चुभ रहे होंगे जो चीफ जस्टिस ने पूछे है।
सुप्रीम कोर्ट का सवाल
- 4 मई को हुई, तो एफआईआर 18 मई को क्यों दर्ज हुई?
- 18 मई को केस हुआ तो मैजिस्ट्रेट कोर्ट में 20 जून को क्यों गया?
- सरकार बताए, पुलिस के केस दर्ज करने के रास्ते में कौन आया?
- पुलिस को जानकारी नहीं थी कि ऐसी घटना उनके इलाके में हुई?
हाइलाइट्स
मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
राज्य पुलिस ने महिलाओं को भीड़ को सौंप दिया
निगरानी के लिए पूर्व जजों की कमेटी बन सकती है