लाइलाज बीमारी एड्स का उपाय मात्र अनुशासित जीवन शैली: यू सी मैठाणी
1 min readनरेन्द्रनगर। एड्स एक वायरस संक्रमित लाइलाज बीमारी है, जिसका अभी तक निवारण का उपाय मात्र अनुशासित जीवन शैली है। यह विचार विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर कॉलेज प्राचार्य यू सी मैठाणी ने छात्रों एवं कॉलेज स्टाफ को संबोधित करते हुए व्यक्त किये ।
बताते चलें कि प्रतीक वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में आज कालेज रेड रिबन और एन एस एस के बैनर तले महाविद्यालय सभागार में एक एड्स जागरूकता विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
विचार गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए डॉ जितेंद्र नौटियाल ने एड्स बीमारी की उत्पत्ति स्थान से लेकर इसके वैज्ञानिक और सामाजिक रक्षण उपायों पर चर्चा की। डॉ रंजीता जौहरी ने बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने “सही रास्ते पर चलें: मेरा स्वास्थ्य,मेरा अधिकार” थीम के अंतर्गत वैश्विक स्वास्थ्य और एड्स निवारण की बधाओं को दूर करने का आह्वान किया है।
डॉ राजपाल रावत ने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों से अपील की है कि नाई से बाल कटवाते समय नई ब्लेड और साफ उस्तरे का विशेष ध्यान रखें। डॉ सोनी तिलारा ने कहा कि किसी भी व्याधि पर इंजेक्शन लगाते समय नई व पॉलीथीन पैक्ड सिरिंज से ही टीका लगवाएं उन्होंने असुरक्षित यौन संबंधों से बचने को एड्स बचाव में कारगर बताया।
कार्यक्रम के अंत में एन एस एस एवं रेड रिबन के नोडल अधिकारी डॉ मनोज फोंन्दडी़ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति शरीर पर टैटू बनवाने से पहले उपयोग में लाई जा रही सुइयों के बारे में जानकारी हासिल कर ले जिससे कि एड्स से बचाव किया जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ सृचना सचदेवा, डॉ बी पी पोखरियाल,डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल,डॉ ज्योति शैली, रचना कठैत ,रंजना जोशी, नितिन शर्मा,गिरीश जोशी,प्रधान सहायक सूरवीरदास ,विशाल त्यागी,भूपेंद्र, अजय एवं छात्र-छात्राओं के अलावा अन्य कॉलेज स्टाफ विशेष तौर पर मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज फोंन्दडी़ ने किया यह जानकारी कॉलेज मीडिया प्रभारी डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल ने प्रेस से साझा की है।