उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी विधेयक पेश, विधानसभा की कार्रवाई स्थगित
1 min readउत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ यूसीसी बिल
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा ने मंगलवार को यूसीसी बिल पेश कर दिया गया है। इस प्रकार उत्तराखंड विधानसभा ने इतिहास रच दिया। स्वतंत्र भारत में उत्तराखंड विधानसभा इस प्रकार के बिल पेश करने वाली पहली विधानसभा बन गई है। इस बिल को पास कराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पास पर्याप्त बहुमत है। प्रदेश की विधानसभा में भाजपा के पास 47 और कांग्रेस के पास 19 सीटें हैं। इस बहुमत के साथ धामी सरकार को बिल पास कराने में अधिक दिक्कत नहीं होगी। बिल पेश होते ही उत्तराखंड विधानसभा भारत माता की जय और जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।
उत्तराखंड विधानसभा परिसर में विपक्ष का हंगामा
उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू किया है। विपक्षी दलों के विधायक और नेता हाथों में तख्तियां लेकर पहुंचे हैं। वे सरकार पर सभी वर्गों के हितों की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेताओं के रुख में बिल पेश किए जाने से पहले बदलाव होता दिख रहा है।
हरीश रावत का यूसीसी पर हमला
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा को यूसीसी के ड्राफ्ट में केवल वोट नजर आ रहे हैं। यूसीसी के जरिए प्रदेश की आठ फीसदी आबादी को निशाना बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे देश- दुनिया में धर्म से जुड़े मामलों में हस्तक्षेप से अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
सीएम धामी ने दी बधाई
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर यूसीसी विधेयक पेश किए जाने की बधाई प्रदेश और देशवासियों को दी है। उन्होंने लिखा कि देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा। यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम यूसीसी लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे।