लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा ! मुस्लिम कारीगरों ने भी दिखाई श्रद्धा, चारों शंकराचार्यों ने भी कहा अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती ! आगे राम जाने
1 min readप्रदीप चौहान।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीति चरम पर है। कांग्रेस ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद अब कांग्रेस ने कार्यक्रम पर ही सवाल उठा दिए हैं। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा इसके जरिए केवल अपनी राजनीति कर रही है। चारों शंकराचार्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि अगर ये आयोजन धार्मिक नहीं है तो राजनीतिक है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल होने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा अपने नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी को दिए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।
इधर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को एक पत्र लिखा है। पत्र के जरिए अविमुक्तेश्वरानंद ने पूछा है कि मुझे समाचारों के माध्यम से जानकारी हुई कि एक ट्रक के जरिए मूर्ति राम मंदिर लाई गई है। उसकी प्राण प्रतिष्ठा राम मंदिर के गर्भगृह में होगी। उन्होंने कहा कि जब वहां पहले से रामलला विराजमान हैं तो फिर किसी नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों? अविमुक्तेश्वरानंद ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि नई मूर्ति की स्थापना की जाएगी तो श्रीरामलला विराजमान का क्या होगा? अभी तक रामभक्त यही समझते थे कि यह नया मंदिर श्रीरामलला विराजमान के लिए बनाया जा रहा है, पर अब किसी नई मूर्ति के लिए निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठा के लिए लाए जाने से आशंका प्रकट हो रही है कि इससे श्रीरामलला विराजमान की उपेक्षा न हो जाए।
दृश्य यह भी देखा गया कि उत्तरप्रदेश के चंदौसी में अक्षत लेकर पहुंचे लोगों का मुस्लिमों ने जोरदार स्वागत किया। टीम ने सभी का श्रीराम लिखा पटका पहनाकर स्वागत किया। उन्हें राम मंदिर पहुंचने का निमंत्रण भी दिया, वहीँ पीलीभीत जिले में तमाम मुस्लिम परिवार दशकों से बांसुरी बनाने का काम कर रहे हैं। योगी सरकार की सत्ता में आने के बाद इन मुस्लिम कारीगरों को एक बार फिर से स्थापित करने के उद्देश्य से एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत पीलीभीत की बांसुरी को बढ़ावा दिया गया। अब जब देशभर में राम मंदिर को लेकर तैयारियां जोर-जोर से हो रही हैं तो पीलीभीत में बांसुरी बनाने वाले मुस्लिम कारीगरों ने भी राम मंदिर के प्रति अपनी श्रद्धा को दिखाया है। राम मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए पीलीभीत में बांसुरी बनाने वाली महिला मुस्लिम कारीगर ने 21 फीट की बांसुरी बनाकर एक तरफ नया कीर्तिमान रचा है, महिला ने बांसुरी को राम मंदिर के नाम किया है।
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों से पूर्व राजनीति, आस्था, उत्साह और सवालों के साथ बहुत कुछ देखने और समझने को मिल रहा है, भगवान श्रीराम के प्रति आस्था रखने वाले लोग सभी राजनीतिक दलों में हैं और अन्य धर्म ने लोग भी आस्थावान दिखाई दे रहे हैं। लेकिन धार्मिक और राजनीतिक बहसों के बीच यह आयोजन कैसा साबित होगा राम जाने।