केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब तक 10374 लोगों का रेस्क्यू
1 min readरुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने के बाद पिछले चार दिनों से मोर्चे पर डटे रेस्क्यू कर्मियों ने अब तक 10374 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। सेना के जवानों और रेस्क्यूकर्मियों को अपने बीच पाकर यहां यात्रा पर आए तीर्थ यात्री भावुक हैं। उन्होंने हाथ जोड़कर इन रेस्क्यू कर्मियों और सेना के जवानों को धन्यवाद दिया।
सोमवार को मौसम साफ होने पर एमआई-17 और चिनूक से एयरलिफ्ट रेस्क्यू शुरू हो गया। एमआई-17 चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है, जबकि चिनूक गोचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतारेगा। सुबह 9 बजे तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई, चिनूक और दूसरे छोटे हेलीकॉप्टरों की मदद से सुरक्षित एयरलिफ्ट किया जा चुका है।
मंदाकिनी नदी पर अस्थाई ट्रॉली बना दी गई है साथ ही वैकल्पिक पुल का निर्माण भी किया गया है। गौरीकुंड में घोड़ा पड़ाव के पास लगभग 15 मीटर लंबाई में रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। यहां पर लोक निर्माण विभाग के श्रमिक वैकल्पिक मार्ग बनाने में लगे हुए हैं। गौरीकुंड से छोड़ी तक मार्ग पर चट्टान आने से कुछ जगह नुकसान हुआ है। मलबा आने से सड़क नष्ट हो गई है, भीम बली से राम बाडा तक मार्ग चार स्थानों पर पूरी तरह से टूटा है। यहां भी लोक निर्माण विभाग की टीम वैकल्पिक पुल बना रही है।
गौरीकुंड से सोनप्रयाग मार्ग भी क्षतिग्रस्त हुआ है इस मार्ग को ठीक करने की कोशिश की जा रही है दूसरी तरफ मशीन पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग समेत अन्य विकल्प को भी देखा जा रहे हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के साथ सेना ने भी सर्च अभियान शुरू कर दिया है। सेना की टीम डॉग स्क्वॉड की मदद से अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र में खोजबीन कर रही है। प्रभावित विभिन्न स्थानों पर रविवार को 1275 यात्री और स्थानीय लोगों का पैदल और हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है पिछले चार दिनों में 10374 लोगों का रेस्क्यू हुआ है।