October 20, 2025

पंचायत चुनाव: असमंजस बरकरार, दो सूचियों में नाम के मामले में हाईकोर्ट ने स्पष्टीकरण से किया इंकार, पढें पूरी खबर

नैनीताल। स्थानीय नगर निकाय और ग्राम पंचायत दोनों मतदाता सूचियों में नाम वाले प्रत्याशियों के पंचायत चुनाव लड़ने या न लड़ने के संबंध में क्या निर्णय लिया जाए इसकों लेकर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव मामले में कोई भी स्पष्टीकरण देने से साफ इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने अपना निर्णय पहले ही दे दिया है।

बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने निर्णय दे कर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर रोक लगाते हुए कहा था कि दो मतदाता सूचियों में नाम वाले प्रत्याशियों का चुनाव लड़ना पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से यह भी कहा था कि पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने के कारण वह चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है लेकिन निर्णय में ऐसा अलग से उल्लेख नहीं था। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई थी।

शक्ति सिंह बर्त्वाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार को छोड़कर राज्य के 12 जिलों में पंचायत चुनाव लड़ रहे कुछ प्रत्याशियों के नाम नगर निकाय व पंचायत दोनों की मतदाता सूचियों में हैं जिनमें रिटर्निंग अधिकारियों ने अलग-अलग निर्णय लिए हैं इससे कहीं तो प्रत्याशियों के नामांकन रद्द हो गए हैं जबकि कहीं उनके नामांकन स्वीकृत हो गशए हैं। याचिका में कहा था कि देश के किसी भी राज्य में दो अलग मतदाता सूचियों में नाम होना आपराधिक माना जाता है। याचिका में उत्तराखंड में इस प्रथा पर सवाल उठाया गया था। याची ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 9 की उप धारा 6 व 7 का समुचित पालन न होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर की थी। कोर्ट के निर्णय की वादी और सरकार के अधिवक्ताओं ने अलग व्याख्या की थी, जिससे संशय हो रहा था।

हाईकोर्ट ने वर्तमान में गतिमान चुनाव प्रक्रिया पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया है अतः इन चुनावों पर इस आदेश का असर नहीं पड़ेगा। भविष्य के चुनावों से यह प्रभावी होगा। आदेश की प्रति मिलने के बाद आयोग इसके विधिक पहलुओं पर विचार करेगा। जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी का कहना था कि कोर्ट के आदेश के बाद दो मतदाता सूचियों में दर्ज नाम वाले प्रत्याशी चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए हैं। इसके अनुरूप कार्यवाही न करना न्यायलय की अवमानना होगा। आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि शनिवार और रविवार के अवकाश के चलते ऑनलइन आवेदन कर हाईकोर्ट से मामले में स्टे वेकेट करने अथवा स्पष्ट निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया था। न्यायिक रजिस्ट्रार के माध्यम से मामला मेंशन भी किया गया जिस पर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई निर्धारित की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://colok98.jp.net/ | https://colok98.com/ | https://colok98.net/ | https://colok98.org/ | https://tweet.id | https://hytaletextures.com | https://tokolampusorot.com | https://e-casinositesi.com | https://nikeblazers.us | https://pandorashops.us | https://deathmonkey.org | https://belvederechurchofchrist.org | https://jogo-fortune-tiger.org | https://phimsongngu.org | https://go-movie.org | COLOK98 | COLOK98 | COLOK98 | COLOK98 | COLOK98 | COLOK98 |
Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.