मनमोहन सिंह के मुकाबले पीएम मोदी के ज्यादा विदेशी दौरे, जानें किसके कितने दौरे, क्या किया हासिल
1 min readन्यूज़ पोस्ट 24×7.कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सातवीं यात्रा पूरी की है, जो उनकी सातवीं यात्रा है। पीएम यूएई से कतर भी गए जिसने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा माफ करके रिहा कर दिया। मौजूदा कार्यकाल में पीएम की यह संभवतः आखिरी विदेश यात्रा थी। उन्होंने अपने 10 वर्ष के दोनों कार्यकाल में कुल 76 विदेशी यात्राएं कीं जो उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह के 10 साल के कार्यकाल में 73 अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की संख्या से तीन ज्यादा है। पीएम मोदी ने पहले कार्यकाल में 49 यात्राएं कीं जबकि दूसरे कार्यकाल में उनकी 27 विदेशी यात्राएं ही हुईं। इसका प्रमुख कारण कोविड महामारी के कारण 2020-21 के बीच 21 महीनों तक यात्राओं का स्थगित रहना है।
हाइलाइट्स
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह से तीन ज्यादा विदेशी यात्राएं कीं
- 10 वर्षों में पीएम मोदी ने बड़ी प्लानिंग के साथ 76 विदेशी यात्राएं कीं
- कोविड के कारण दूसरे कार्यकाल में कम यात्राओं का मौका मिला
कोविड का प्रकोप खत्म होने के बाद पूरा विश्व फिर से पटरी पर आया तो प्रधानमंत्री ने बाकी बचे समय के लिए अपनी यात्राओं को सावधानीपूर्वक चुना। पूर्व राजदूत और ईजीएन पॉलिसी थिंक टैंक गेटवे हाउस के प्रतिष्ठित फेलो राजीव भाटिया के अनुसार, यह बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रणनीतिक कूटनीति (स्ट्रैटिजिक डिप्लोमेसी) को लेकर कितनी सतर्कता बरतते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने दौरे में विभिन्न महत्वपूर्ण आंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया और कई देशों के नेताओं के साथ मुलाकात की। यह भारत की वैश्विक पहुंच को बढ़ाने के लिए मोदी के दूसरे कार्यकाल में विदेश नीति की मजबूती का सबूत है।
पूर्व राजनयिक और विदेश नीति थिंक टैंक गेटवे हाउस में प्रतिष्ठित फेलो राजीव भाटिया का कहना है कि भले ही मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान कम यात्राएं कीं, लेकिन विदेश नीति की पहुंच और विश्व नेताओं से राब्ता बढ़ाने के लिए प्रत्येक यात्रा की योजना काफी सावधानीपूर्वक तैयार की गई थी। पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ समिट), इंडोनेशिया में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईस्ट एशिया समिट) और ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (ब्रिक्स समिट) में मौजूद रहे। इन कार्यक्रमों का आयोजन जी-20 लीडर्स समिट से कुछ दिन पहले हुआ था। भाटिया ने कहा कि इस दौरान विदेश नीति की परवाह करने वाले प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की प्रतिष्ठा काफी मजबूत हुई।