धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की फोटोग्राफी कार्यशाला का आयोजन
1 min readनरेंद्रनगर। उत्तराखंड में नेचर एवं एस्ट्रो फोटोग्राफी की व्यापक संभावनाएं हैं। जो कि यहां की नैसर्गिक सुंदरता एवं स्वस्थ पर्यावरण के कारण संभव है। यह विचार कैनन कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ जितेंद्र कुमार ने फोटोग्राफी पर आयोजित एक दिनी कार्यशाला के अवसर पर छात्रों एवं प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये
शुक्रवार को धर्मानंद उनियाल राजकीय महाविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ ने फोटोग्राफी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनी कैनन के सहयोग से “फन विद फोटोग्राफी”विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला की तकनीकी सत्र में कंपनी की तकनीकी विशेषज्ञ जितेंद्र कुमार ने बेसिक्स आफ फोटोग्राफी के अंतर्गत कैमरे की कार्यप्रणाली, कैमरा फ्रेमिंग, अच्छे फोटोग्राफ की विशेषताएं, शटर स्पीड,एपर्चर, आइ एस ओ , मैक्रो लेंस, रा फॉरमैट आदि फोटोग्राफी की बारीकियां पावर प्रजेंटेशन एवं कंपनी के कैमरों से समझाई। कार्यशाला में कैमरे के विभिन्न व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर कंपनी के तकनीकी सहयोगी नवजीत गुसाईं ने प्रस्तुतीकरण प्रभावी बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
कॉलेज प्राचार्य प्रो0 राजेश कुमार उभान ने इस अवसर पर छात्रो को सम्बोधित करते हुए कहा कि फोटोग्राफी एक जीवंत कला है। फोटोग्राफी में रचनात्मकता को महतवपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि आज सभी क्षेत्रों में फोटोग्राफी मांग है और तकनीकी दक्षता हासिल कर इसे करियर के रूप में अपना कर जीविका के साथ ख्याति का माध्यम भी बनाया जा सकता है ।
पत्रकारिता और जनसंचार विभाग प्रभारी डॉ0 सृचना सचदेवा ने कहा कि फोटोग्राफी कला और विज्ञान दोनों का बेहतरीन समन्वय है और एक सशक्त विज़ुअल माध्यम है जिससे प्रभावी कहानियों को गढ़ा जा सकता है. उन्होंने फोटोग्राफी के विविध प्रकारों की चर्चा करने के साथ ही पेशेवर फोटोग्राफर्स रथिका रामासामी, डब्बू रतनानी आदि का उदहारण देते हुए कहा कि एक फ्री लांसर के तौर पर भी इस फील्ड में काम किया जा सकता है।
कार्यशाला केद्वितीय सत्र में सभी छात्रों को हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया गया जिसमे छात्रों ने उत्साहित हो कर प्रतिभाग किया और फ़ोटोग्राफ़्स खींचे।
विभाग के प्राध्यापक डॉ विक्रम सिंह बर्त्वाल ने कहा कि फोटोग्राफी में भूत वर्तमान और भविष्य को सुरक्षित करने एवं समय को बांधने की अद्भुत क्षमता है। विभाग के फोटोग्राफर विशाल त्यागी मैं नेचर तथा अकादमिक फोटोग्राफी के साथ फोटो एडिटिंग पर अपने विचार व्यक्त किये । कार्यशाला के दौरान डॉ सपना कश्यप, डॉ उमेश चंद्र मैठाणी, डॉ संजय महर, डॉ इमरान अली, डॉ सुधा रानी, डॉ सोनी तिलारा, डॉ विजय प्रकाश भट्ट, डॉ जितेन्द्र नौटियाल, डॉ चेतन भट्ट , शिशुपाल, अजय आदि के साथ ही कॉलेज एवं पत्रकारिता विभाग के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इससे पूर्व मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का संचालन डॉ विक्रम बर्त्वाल ने किया।