यमुनोत्री पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी की संचालन संख्या तय, जिलाधिकारी ने धारा 144 लागू करने के दिए आदेश
1 min readदेहरादून। यमुनोत्री यात्रा में उमड़ रही भीड़ को काबू करने के लिए जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने धारा 144 लागू करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चर और डंडी-कंडी की संख्या तय कर दी गई है। बड़कोट के उपजिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत कई अधिकारियों ने भीड़ को लेकर एक रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी थी, जिसमें खासकर यमुनोत्री पैदल मार्ग के संकरे होने के कारण यात्रियों की जान को खतरा बताया गया था।
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पैदल यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की अधिकतम संख्या 800 और उनके आने-जाने का समय सुबह 4 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। यह भी निर्णय लिया गया है कि मार्ग पर 800 घोड़े-खच्चरों को भेजने के बाद यमुनोत्री से जितने घोड़े-खच्चर लौटें, उतने ही घोड़े-खच्चरों को दोबारा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाए। प्रत्येक घोड़े-खच्चर के यात्री को यमुनोत्री लेकर जाने और दर्शन के बाद उसके वापस लौटने की समय सीमा पांच घंटे की तय की गई है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पांच घंटे से अधिक कोई भी घोड़ा-खच्चर यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा। यमुनोत्री धाम पहुंचने पर यात्री को 60 मिनट के भीतर यमुनोत्री के दर्शन कराने की भी बात आदेश में कही गई है।
यमुनोत्री यात्रा में भीड़ को काबू करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं
जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने धारा 144 लागू करने के आदेश दिए हैं
जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक के पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चर की संख्या तय हुई
जानकीचट्टी से यमुनोत्री पैदल मार्ग पर एक बार में आने-जाने वाली डंडी-कंडी की संख्या 300 निर्धारित की गई है। सुबह 4 बजे से शाम 4 बजे तक डंडी-कंडी से यात्री आवागमन कर सकेंगे। एक डंडी-कंडी को आने-जाने के लिए छह घंटे का समय दिया गया है। एक बार में 50 डंडी-कंडी यात्रा के पैदल मार्ग में एक साथ छोड़ी जा सकती है। उसके एक घंटे के बाद और 50 डंडी-कंडी को छोड़ा जाएगा। इनका संचालन बिरला धर्मशाला से किया जाएगा। अन्य किसी भी स्थान से संचालन की अनुमति नहीं होगी।