हर हर महादेव के जयकारों से गूंजे उत्तराखंड के शिवालय
1 min readप्रदीप चौहान।
देहरादून। उत्तराखंड में सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच श्रद्धालुओं ने शिवलिंग में जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावल व पुष्प से भगवान शिव की पूजा की हैं।
श्रावण के पहले सोमवार को टपकेश्वर मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर समिति ने इसके निमित्त पहले से सारी तैयारी पूरी कर ली थी। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं। श्री नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए शिवभक्तों की भीड़ लगी है। मध्यरात्रि से शिवभक्तों ने जलाभिषेक करना शुरू कर दिया था। शिवभक्ति में सराबोर श्रद्धालु महादेव के जयकारे लगा रहे हैं। वहीं, सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी भी मुस्तैद हैं।
इधर, ऋषिकेश के सिद्धपीठ पौराणिक वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर व चंद्रेशवर महादेव मंदिर में भी स्थानीय श्रद्धालु सुबह से जुटने शुरू हो गए हैं। यहां भी श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही है। समय के साथ भीड़ में बढ़ोत्तरी होती जा रही है।
जानकारों के मुताबिक श्रावण मास व शिव का भारतीय संस्कृति से गहरा मेल है। श्रावण के आते ही शिव भक्तों में पूजा अर्चना के लिए नई उमंग का संचार हो जाता है। शास्त्रों और पुराणों का कहना है कि श्रावण मास भोले बाबा को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिव अर्चना के लिए प्रमुख सामग्री बेलपत्र और धतूरा सहज सुलभ हो जाता है। शिव ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा-अर्चना की सामग्री के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। अगर कोई सामग्री उपलब्ध न हो तो जल ही काफी है।