EMI का बोझ होगा कम, लोन भी सस्ता, RBI ने 5 साल में पहली बार घटाया रेपो रेट
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25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद अब होम लोन, कार लोन समेत कई लोन सस्ते हो जाएंगे. इसके अलावा EMI में भी कुछ राहत मिलेगी. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50% घटकर 6.25% रह गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 % की कटौती का एलान कर दिया है (RBI Repo Rate Decrease). रिजर्व बैंक ने करीब 5 साल बाद ये कटौती की है. केंद्रीय बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की मीटिंग के बाद शुक्रवार, 7 फरवरी को यह फैसला लिया. 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद अब होम लोन, कार लोन समेत कई लोन सस्ते हो जाएंगे. इसके अलावा EMI में भी कुछ राहत मिलेगी. इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.50% घटकर 6.25% रह गया है. आखिरी बार रिजर्व बैंक ने जून 2023 में रेपो रेट में बढ़ोतरी करते हुए इसे 6.50% कर दिया था.
रिजर्व बैंक ने 5 साल बाद रेपो रेट में कटौती की है. 2020 में कोविड के दौरान देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट देने के लिए रेपो रेट में 0.40 प्रतिशत (40 बेसिस पॉइंट्स) की कटौती की गई थी. उसके बाद अब 0.25% की कटौती की गई है.
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज देता है. जब रेपो रेट बढ़ता है तो रिजर्व बैंक महंगी ब्याज दरों पर दूसरे बैंकों को कर्ज देता है. इससे बैंक अपने कस्टमर्स को मंहगा लोन देते हैं. वहीं, इसके उलट जब रेपो रेट घटता है तो केंद्रीय बैंक सस्ती दरों पर कर्ज देता है और बैंक लोन सस्ता कर देते हैं. इसमें होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि शामिल हैं. जब रेपो रेट कम होता है तो लोन की ब्याज दर भी कम हो जाती है. इससे EMI भी कम हो जाती है.
कैसे काम करेगा रेपो रेट?
मान लीजिए कि आपने 20 लाख रुपये का होम लोन (Home Loan) लिया है और लोन का ब्याज 8.5 प्रतिशत है, जबकि टेन्योर 20 साल के लिए है. तो इस हिसाब से EMI बनेगी- 17,356 रुपये. लेकिन RBI के 0.25 फीसदी के ब्याज कटौती करने के बाद लोन का ब्याज रह जाएगा- 8.25%. अब आपकी EMI रह जाएगी 17,041 रुपये. यानी हर महीने 315 रुपये बचेंगे.
क्यों कम होता है रेपो रेट?
जब देश की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही होती है तो मनी फ्लो बढ़ाकर इसकी रिकवरी करनी होती है. ऐसे में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कमी करते हैं. ब्याज दरों में कमी होने से लोन सस्ता होता है और EMI को बोझ हल्का होता है.