December 8, 2024

शनि- राहु की युति से इन राशि वालों की बढ़ सकती हैं परेशानियां, 17 अक्टूबर तक रहना होगा सावधान

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शनि और राहु के अशुभ प्रभाव से हर कोई भयभीत रहता है। इस समय शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं। शनिदेव सभी ग्रहों में धीमी चाल चलते हैं। शनि कुंभ राशि मे रहते हुए शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। शतभिषा नक्षत्र के स्वामी राहु हैं। शनिदेव 17 अक्टूबर तक शतभिषा नक्षत्र में ही रहेंगे। शनि और राहु की इस युति से कुछ राशि वालों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं, 17 अक्टूबर तक का समय किन राशि वालों के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता है-

तुला राशि- 

  • अपनी भावनाओं को वश में रखें।
  • आत्मविश्वास में कमी आएगी।
  • क्रोध के अतिरेक से बचें।
  • पारिवारिक जिम्मेदारी बढ़ सकती है।
  • स्थान परिवर्तन की संभावना बन रही हैं।
  • धैर्यशीलता में कमी रहेगी।
  • आत्म संयत रहें।
  • शैक्षिक कार्यों में व्यवधान आ सकता है।
  • कार्यक्षेत्र में परिश्रम की अधिकता रहेगी।
  • आय में व्यवधान आ सकते हैं।
  • खर्चों में वृद्धि होगी।

मकर राशि- 

  • वाणी में कठोरता के भाव रहेंगे।
  • बातचीत में संयत रहें।
  • माता से विचारों में मतभेद हो सकते हैं।
  • स्थान परिवर्तन संभव है।
  • आत्मविश्वास में कमी आएगी।
  • शांत रहें।
  • स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
  • संचित धन में कमी आएगी।
  • वस्त्रों पर खर्चा बढ़ेगा।
  • नौकरी में कार्यक्षेत्र में वृद्धि संभव है।
  • परिश्रम की अधिकता रहेगी।
  • खर्चों में वृद्धि होगी।

कुंभ राशि- 

  • मन में निराशा व असंतोष के भाव रहेंगे।
  • आत्म विश्वास में कमी रहेगा।
  • खर्चों में वृद्धि होगी।
  • वाहन के रख-रखाव पर खर्चें बढ़ सकते हैं।
  • अफसरों से मतभेद हो सकते हैं।
  • खान-पान के प्रति सचेत रहें।
  • स्वास्थ्य में गड़बड़ी हो सकती है।
  • इच्छा विरुद्ध कार्यक्षेत्र में वृद्धि संभव है।
  • बातचीत में संयत रहें, खर्चों में वृद्धि होगी।
  • आलस्य की अधिकता रहेगी।
  • संतान के स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं, रहन-सहन असुविधापूर्ण रहेगा।

मीन राशि- 

  • धैर्यशीलता में कमी आएगी।
  • आत्म संयत रहें।
  • रहन-सहन में असहज रहेंगे।
  • नौकरी में स्थान परिवर्तन संभव है।
  • आत्म संयत रहें।
  • क्रोध के अतिरेक से बचें।
  • माता से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।
  • रहन-सहन कष्टकारी हो सकता है।
  • वस्त्रों आदि पर खर्चों में वृद्धि हो सकती है।
  • माता को स्वास्थ्य विकार हो सकता है।
  • रहन-सहन कष्टकायी हो सकता है।

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