उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय कर रहा मा० उच्च न्यायालय की अवमानना: विनोद गोदियाल
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देहरादून। उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय से हटाए गए 44 उपनल कर्मचारियों को पुनर्नियुक्ति के आदेश दिए थे किंतु केवल 19 कर्मियों को ही पुनर्नियुक्ति के आदेश दिए हैं जबकि शेष 25 कर्मियों के स्थान पर नए कार्मिकों की नियुक्ति कर दी गई जो न्यायालय की अवमानना है।
उपनल संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 15-20 वर्षों से उपनल के माध्यम से कार्यरत 44 कर्मचारियों को अकारण हटा दिया गया था। जिस पर उपनलकर्मी हाईकोर्ट गए। उपनल कर्मियों की अपील पर हाईकोर्ट ने 25 अप्रैल 2024 को हटाएंगे 44 उपनल कर्मियों को पुनर्नियुक्ति के आदेश दिए थे, किंतु विश्वविद्यालय द्वारा मात्र 19 उपनल कर्मियों को ही पुनर्नियुक्ति दी गई जबकि 25 कर्मियों के बदले नए कार्मिकों की तैनाती की गई जो हाईकोर्ट के आदेशों की और मानना है।
गोदियाल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों के अनुसार यदि सभी कार्मिकों की पुनर्नियुक्ति नहीं की जाती है तो आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय को न्यायालय की अवमानना का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।