नीतीश के तरकश के दो तीर पर BJP की नजर, जीतनराम मांझी के पाला बदलने से क्या नफा-नुकसान?
1 min readबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक जीतन राम मांझी ने आज (13 अप्रैल) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। वैसे तो उनकी ये औपचारिक मुलाकात थी, जिसमें उन्होंने दशरथ मांझी, कर्पूरी ठाकुर और श्रीकृष्ण सिंह जैसी बिहार की महान विभूतियों को भारत रत्न देने की मांग की लेकिन सियासी अंदरखाने चर्चा है कि लोकसभा चुनाव से पहले शाह के साथ मांझी की ये मुलाकात रूटीन मीटिंग नहीं हैं।
हालांकि, गृह मंत्री से मुलाकात करने के बाद मांझी ने एनडीए में जाने से जुड़ी अटकलों को यह कहकर खारिज कर दिया कि नीतीश कुमार पीएम मैटेरियल शख्स हैं और वह भी उन्हें पीएम बनाने के लिए विपक्षी एकता के लिए काम करेंगे। मांझी ने कहा कि एनडीए में जाने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
जीतन राम मांझी को बिहार की राजनीति का यू-टर्न मास्टर कहा जाने लगा है। वह कई बार सियासी पलटी मार चुके हैं। कहा जाता है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद मांझी बिहार में वही दर्जा पाना चाहते हैं जो पासवान का हुआ करता था। पासवान को भी मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था।
मांझी राज्य के महादलित मुसहर समुदाय से आते हैं, जिसकी करीब दो फीसदी आबादी है। 78 साल के मांझी ने कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर राजद और जेडीयू होते हुए अपनी हम पार्टी बनाई है। 2014 में नीतीश कुमार के इस्तीफा देने के बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने एनडीए की तरफ अपना रुख कर लिया था।