फूलों की घाटी से लेकर हेमकुंड साहिब तक खिले रंग बिरंगे फूल
1 min readचमोली। हेमकुंड साहिब आने वाले श्रद्धालुओं को इन दिनों प्रकृति के सुंदर नजारे देखने का मौका मिल रहा है। हेमकुंड साहिब के पैदल मार्ग के आसपास ही इन दिनों राज्य पुष्प ब्रह्मकमल सहित नाना प्रकार के पुष्प खिले है। फूलों की घाटी से लेकर हेमकुंड साहिब तक पूरी घाटी रंग बिरंगे फूलों के मनमोहक छटा बिखेर रही है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक खासे उत्साहित है।
हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिद्रा ने बताया कि इस वर्ष हेमकुंड वैली में अचम्भित करने वाले नाना प्रजाति के फूलों का अंबार लगा हैं। ईश्वर की अपार कृपा से यह मन में सदैव क़ैद करने योग्य दृश्य श्रद्धालुओं की अंतर आत्मा को छू रहे हैं। इस वर्ष प्रभु की बख़्शीश से मौसम भी बहुत साथ दे रहा है। श्रद्वालु अपनी तीर्थयात्रा के साथ इन अदभुत नज़ारों का आनंद उठा रहे हैं। हेमकुंड यात्रा सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर अच्छी व्यवस्थाएं की है। इस साल अब तक 130486 से अधिक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब पहुॅचे है। उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है। 1982 में यूनेस्को ने इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया। फूलों की घाटी बेहद ही खूबसूरत है। हिमाच्छादित पर्वतों से घिरी इस घाटी की सुंदरता देखते ही बनती है।
500 से अधिक फूलों की प्रजातियां
फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए ये जगह स्वर्ग से कम नहीं है। इस घाटी के नजारे देखते ही बनते हैं।
फूलों की घाटी की खोज
1931 में फ्रैंक स्मिथ और उनके साथी होल्डसवर्थ ने फूलों की घाटी की खोज की थी। आपको बता दें फ्रैंक एक ब्रिटिश पर्वतारोही थे। इसके बाद ये एक मशहूर पर्यटन स्थल बन गया। फूलों की घाटी को लेकर स्मिथ ने एक किताब भी लिखी है। इस किताब का नाम है- वैली ऑफ फ्लॉवर्स।